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सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

Swine flu

स्वाइन फ्लू ने सारे देश में दहशत मचा रखी है। अचानक यह महामारी सुरसा की तरह फैली और देखते ही देखते महानगरों को अपनी चपेट में ले लिया। आमतौर पर पशुओं और पालतू जानवरों को होने वाले वायरस के हमले कभी इंसानों तक नहीं पहुँचते। इसकी वजह यह है कि जीव विज्ञान की दृष्टि से इंसानों और जानवरों की बनावट में फर्क है। अभी देखा यह गया था कि जो लोग सूअर पालन के व्यवसाय में हैं और लंबे समय तक सूअरों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें स्वाइन फ्लू होने का जोखिम अधिक रहता है।
मध्य 20वीं सदी से अब तक के चिकित्सा इतिहास में केवल 50 केसेस ही ऐसे हैं जिनमें वायरस सूअरों से इंसानों तक पहुँचा हो। ध्यान में रखने योग्य यह बात है कि सूअर का माँस खाने वालों को यह वायरस नहीं लगता क्योंकि पकने के दौरान यह नष्ट हो जाता है।
क्या है लक्षण 
स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते हैं। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण इस बीमारी के दौरान उभरते हैं। इस साल इंसानों में जो स्वाइन फ्लू का संक्रमण हुआ है,वह तीन अलग-अलग तरह के वायरसों के सम्मिश्रण से उपजा है। फिलहाल इस वायरस के उद्गम अज्ञात हैं।
वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हैल्थ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह वायरस अब केवल सूअरों तक सीमित नहीं है, इसने इंसानों के बीच फैलने की कुवत हासिल कर ली है। अमेरिका में 2005 से अब तक केवल 12 मामले ही सामने आए हैं। एन्फ्लूएंजा वायरस की खासियत यह है कि यह लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है। इसकी वजह से यह उन एंटीबॉडीज को भी छका देता है जो पहली बार हुए एन्फ्लूएंजा के दौरान विकसित हुई थीं। यही वजह है कि एन्फ्लूएंजा के वैक्सीन का भी इस वायरस पर असर नहीं होता।
क्या है खतरा
1930 में पहली बार ए1एन1 वायरस के सामने आने के बाद से 1998 तक इस वायरस के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। 1998 और 2002 के बीच इस वायरस के तीन विभिन्न स्वरूप सामने आए। इनके भी 5 अलग-अलग जीनोटाइप थे। मानव जाति के लिए जो सबसे बड़ा जोखिम सामने है वह है स्वाइन एन्फ्लूएंजा वायरस के म्यूटेट करने का जोकि स्पेनिश फ्लू की तरह घातक भी हो सकता है। चूँकि यह इंसानों के बीच फैलता है इसलिए सारे विश्व के इसकी चपेट में आने का खतरा है।
कैसे बचेंगे
सूअरों को एविएन और ह्यूमन एन्फ्लूएंजा स्ट्रेन दोनों का संक्रमण हो सकता है। इसलिए उसके शरीर में एंटीजेनिक शिफ्ट के कारण नए एन्फ्लूएंजा स्ट्रेन का जन्म हो सकता है। किसी भी एन्फ्लूएंजा के वायरस का मानवों में संक्रमण श्वास प्रणाली के माध्यम से होता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खाँसना और छींकना या ऐसे उपकरणों का स्पर्श करना जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। जो संक्रमित नहीं वे भी दरवाजा के हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर या टॉयलेट के नल के स्पर्श के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने भर से संक्रमित हो सकते हैं।
क्या है सावधानियाँ
सामान्य एन्फ्लूएंजा के दौरान रखी जाने वाली सभी सावधानियाँ इस वायरस के संक्रमण के दौरान भी रखी जानी चाहिए। बार-बार अपने हाथों को साबुन या ऐसे सॉल्यूशन से धोना जरूरी होता है जो वायरस का खात्मा कर देते हैं। नाक और मुँह को हमेशा मॉस्क पहन कर ढँकना जरूरी होता है। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।
क्या है इलाज 
संक्रमण के लक्षण प्रकट होने के दो दिन के अंदर ही एंटीवायरल ड्रग देना जरूरी होता है। इससे एक तो मरीज को राहत मिल जाती है तथा बीमारी की तीव्रता भी कम हो जाती है। तत्काल किसी अस्पताल में मरीज को भर्ती कर दें ताकि पैलिएटिव केअर शुरू हो जाए और तरल पदार्थों की आपूर्ति भी पर्याप्त मात्रा में होती रह सकें। अधिकांश मामलों में एंटीवायरल ड्रग तथा अस्पताल में भर्ती करने पर सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। अखबार Le Monde को फ्रांस सरकार से सूची मिली। खुफिया सूत्रों से यह सूची वहां तक पहुंची। एचएसबीसी बैंक के एक लाख से ज्यादा खाताधारकों की सूची मिली। Le Monde ने 45 देशों के पत्रकारों की सहायता से इस सूची की जांच को आगे बढ़ाया। भारत में इंडियन एक्सप्रेस ने इसकी तहकीकत की। इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस ने इन नामों का खुलासा किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि इस सूची में 1,195 भारतीयों के नाम है जिनके खातों में 25,420 करोड़ रुपए जमा हैं।

इंडियन एक्‍सप्रेस ने जिन नामों का खुलासा किया है, उनमें कितनी रकम है-


इंडियन एक्‍सप्रेस में छपा खातेदार का नाम खाते में जमा रकम (एक डॉलर=62 रुपए के हिसाब से ) कारोबार अखबार ने ली प्रतिक्रिया
मुकेश अंबानी 164.92 करोड़ रुपए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अनाधिकृत अकाउंट नहीं है।
अनिल अंबानी 164.92 करोड़ रुपए रिलायंस टेलीकॉम के चेयरमैन  ऑफिस ने कहा, एचएसबीसी में कोई ओवरसीस अकाउंट नहीं
नरेश कुमार गोयल 116 करोड़ रुपए जेट एयरवेज के चेयरमैन प्रवक्ता ने कहा, गोयल एनआरआई हैं और दुनिया के किसी भी देश में अकाउंट रख सकते हैं।
बर्मन परिवार 77.5 करोड़ रुपए डाबर कंपनी संचालित करता है यह परिवार आनंद राज बर्मन ने कहा, 1999 से एनआरआई हूं और ब्रिटेन में भी टैक्स पेयर हूं।
अनुराग डालमिया 59.5 करोड़ रुपए डालमिया ब्रदर्स इनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
स्मिता ठाकरे
(दिवंगत बाल ठाकरे की बहू)
 64 लाख रुपए फिल्म प्रोड्यूसर बेटेे की शादी में व्यस्त हैं इसलिए प्रतिक्रिया नहीं दी।
परनीत कौर
(पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी)
 रकम का खुलासा नहीं किया गया है। कांग्रेस नेता और यूपीए सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। ‘मेरा किसी भी विदेशी बैंक में कोई अकाउंट नहीं है।’
राजन प्रसाद नंदा
(इनकी पत्नी रितु नंदा दिवंगत बॉलीवुड एक्टर राज कपूर की बेटी हैं।)
 रकम का खुलासा नहीं एस्कॉर्ट ग्रुप के चेयरमैन ‘मुझे नौ महीने पहले नोटिस मिला था और टैक्स अधिकारियों को जवाब दे चुका हूं’
नीलम और नीलेश नारायण राणे रकम का खुलासा नहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे की पत्नी और बेटा। नीलेश खुद भी सांसद रह चुके हैं। नीलेश राणे का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी भी खाते के बारे में जानकारी नहीं है।
यशोवर्धन बिड़ला रकम का खुलासा नहीं यश बिरला ग्रुप के चेयरमैन कंपनी के एक सीए का कहना है कि उन्होंने हर काम भारतीय कानून के हिसाब से ही किया है।
रितु (महिमा) चौधरी रकम का खुलासा नहीं लिस्ट में यह अकेली एक्ट्रेस और मॉडल हैं। महिमा ने कहा, ‘मैं नहीं जानती की ये मामला क्या है। कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती।’
मनुभाई छाबडि़या परिवार 874 करोड़ रुपए कई कंपनियों का मालिक है यह परिवार बेटी किरण वजीर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
महेश टीकमदास थारानी 251.7 करोड़ रुपए होम डेकोरेशन आयटम्स के व्यापारी प्रतिक्रिया पाप्त नहीं हो सकी।
अनु टंडन 35.8 करोड़ रुपए उन्नाव से कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं। ‘दिवंगत पति ने ये खाते खोले हों तो पता नहीं’
संदीप टंडन 166.1 करोड़ रुपए इंडियन रेवेन्यू सर्विस के पूर्व अधिकारी बाद में रिलायंस से जुड़े। 2010 में मौत हो चुकी है। पूर्व कांग्रेस सांसद अनु टंडन के पति थे।
श्रवण गुप्ता और शिल्पी गुप्ता 209.56 करोड़ रुपए रियल एस्टेट कंपनी ‘एम्मार’ के चेयरमैन। संपर्क किए जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
कुमार वेणु रमन 18.97 करोड़ रुपए पूर्व आईआरएस अधिकारी जो बाद में एस्सार ग्रुप से जुड़े। ‘20 सालों से एनआरआई हूं, मेरे अधिकारी टैक्स अधिकारियों को जानकारी दे चुके हैं’
एस.एम. नंदा, सुरेश नंदा 14.2 करोड़ रुपए 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय नेवी चीफ थे एस.एम. नंदा। सुरेश नंदा पुत्र हैं। सुरेश नंदा ने कहा, ‘1987 से ही एनआरआई हूं और आईटी को सारी जानकारी दे चुका हूं।’
भद्रश्याम कोठारी परिवार। पत्नी नैना धीरूभाई अंबानी की पुत्री हैं। 195.6 करोड़ रुपए कोठारी ग्रुप के चेयरमैन। परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी।
मो. हसीब शॉ 13.2 करोड़ रुपए कश्मीरी कार्पेट और पश्मीना शॉल्स के निर्यातक इनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी।
धरमवीर तनेजा 10.8 करोड़ रुपए रिटायर बैंकर परिवार ने कहा, ‘हम आरबीआई को विदेशी बैंक खाते की जानकारी दे चुके हैं’
अालोक भारतिया 8.37 करोड़ रुपए बड़े बिजनेसमैन प्रतिक्रिया नहीं दी।
विश्वनाथ गरोदिया 6.6 करोड़ रुपए मंगल स्टील्स के चेयरमैन ‘हम आईटी अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।’
कुलदीप सिंह धींगरा, गुरबचन सिंह धींगरा 25.6 करोड़ रुपए बर्जर पेंट्स के मालिक। ‘आरबीआई और आईटी को जानकारी दे दी है और टैक्स सर्च चल रही है। ’


एचएसबीसी के 350 स्विस खातों की जांच पूरी : जेटली

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ब्‍लैक मनी मामले में पिछले 7- 8 माह में कार्रवाई हुई है। ब्‍लैक मनी मामले में एसआईटी जांच कर रही है। एचएसबीसी के 350 स्विस खातों की जांच पूरी कर ली गई है। मार्च के आखिर तक अन्‍य बैंकों के स्विस खातों का असेसमेंट पूरा कर लिया जाएगा। जेटली ने कहा कि एचएसबीसी स्विस अकाउंट मामले में करीब 60 खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
 

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